अबूबकर सोहेल शेख के तकमीले हिफ़्ज कुरआन पर जलसा और दस्तारबंदी
पुणे न्यूज एक्सप्रेस :
पुणे: (मोहम्मद जावेद मौला):
शहर के कदीम और मशहूर मदरसा फुरकानिया तालीमुल कुरआन, मोमिनपुरा, पुणे के तालिबे इल्म अबूबकर सोहेल शेख़ ने बहुत ही कम अरसे में मदरसे की तारीख में सबसे पहले कुआन हिफ्ज करने की सआदत हासिल की ,इस के पेशे नज़र पिछले दिनों जुमा 30 अगस्त, 2024 बाद नमाज़ मगरीब मक्का मस्जिद हॉल में जलसा तकमीले कुरआन और दस्तारबंदी रखा गया था.
इस मौके पर खतीब व इमाम मक्का मस्जिद, मोमिनपुरा मौलाना मोहसिन पठान, इकबाल मनियार, दाऊद सुंडके, नसीर अहमद गदवाल, मदरसा फरकानिया ट्रस्ट के ज़िम्मेदारान अब्दुल मतीन, रफीक इकबाल मनियार, अब्दुल जब्बार पटेल, आसिफ अहमद शेख, जुबैर ताज मुहम्मद और शहर की मुअज्जिज शख्सियात के अलावा तलबा, वालेदेंन, सरपरस्त कसीर तादाद में मौजूद थे.सदर जलसा मौलाना अब्दुल कय्यूम( बानी मदरसा मदीनतुल उलूम, सैयद नगर, हडपसर) के दस्ते मुबारक से अबूबकर सोहेल शेख़ की गुलपोशी और दस्तारबंदी अमल में आई. जलसे से खिताब करते हुए मौलाना अब्दुल कय्यूम ने हाफिज अबूबकर सोहेल शेख को अपनी दुआओं से नवाजा और हाफिज कुरआन की अजमत और अहमियत बयान करते हुए कहा कि कुरआन अल्लाह का सबसे ऊंचा और अजीम कलाम है . क्योंकि जो लोग कुआन को अपने सीने में रखते हैं, वो पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पसंदीदा बंदे हैं, इसीलिए पैगंबर हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा कि तुम में सबसे अच्छा वो है जो क़ुरआन सीखे और दूसरों को सिखाएं. इसलिए अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा कि जो कोई कुरआन पढ़ता है और उसे याद करता है और उसके हराम और हलाल को समझता है।
अल्लाह उसे जन्नत में दाखिल करेगा. इसी तरह हाफ़िज़ के खानदान से दस ऐसे लोगों की सिफारिश कुबुल करेगा जिसके लिए जहन्नुम का फैसला हो चुका. उन्होंने कहा के उन मां बाप के लिए अच्छी खबर है जो अपने बच्चों को कुरआन हिफ्ज़ कराते हैं उन्हें कयामत के रोज़ रोशनी का ताज पहनाया जाएगा जिसकी चमक-दमक सूरज की रोशनी की तरह होगी. मौलाना अब्दुल कय्यूम की दुआ के साथ जलसा खत्म हुआ. मौलाना इमरान कासमी ने निजामत के अलावा शुक्रिया की रस्म अदा की. याद रहे मदरसा फुरकानियाह तालीमुल कुरआन की शुरुआत मक्का मस्जिद के इमाम और खतीब, मरहूम मौलाना अब्दुल हक आबिद-उल-हक ने अपने कुछ दोस्त व अहबाब के जरिए 1952 में की थी जो आज एक तनावर दरख़्त की शक्ल में हजारों की तादाद में बच्चों को दीनी तालीम से आरस्ता कर रहा है. मदरसा फुरकानिया रोजाना फज्र ता ईशा माहिरीने उलमाए दीन और सनद याफ्ता आलेमा की निगरानी में जारी है.
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