तंजीम वालेदैन के सदर अब्दुल करीम अत्तार का इंतेकाल
पुणे न्यूज एक्सप्रेस :
पुणे (मोहम्मद जावेद मौला )
मोमिनपूरा पूना की मशहूर व मारूफ शख्सियत और तंजीम वालेदैन के फाउंडर प्रेसिडंट अब्दुल करीम अत्तार, उम्र 80 साल का मुख्तसर बीमारी के बाद एक एप्रिल 2024 बरोज़ पीर रात घर पर इंतकाल हुवा, उन के पीछे बेवा ,चार लडके खालिद अत्तार, माजिद अत्तार, साजिद अत्तार, आबिद अत्तार और एक लडकी डॉ. अंजुम शेख शामिल है.
मरहुम का नमाजे जनाजा मक्का मस्जिद में दूसरे दिन बाद नमाज़ फज्र अदा की गई जबके तदफीन मोमिनपूरा कब्रस्तान में अमल में आयी. अब्दुलकरीम अत्तार 1945 को पूना में पैदा हुए पुणे मनपा स्कूल नंबर 18 से इब्तेदाई तालीम हासिल की जबके मोलेदीना हाई स्कूल से एस एस सी का इम्तहान नुमाया नंबरात से पास किया,उन्हें बचपन से ही समाजी और तालीमी सरगरमियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने का शौक था. अब्दुल करीम अत्तार मुस्लिम लीग के खासदार मरहूम गुलाम महमूद बनातवाला और मालेगांव जनतादल के आमदार मरहूम निहाल अहमद से बहोत मुतास्सिर थे, इस लिए इन पार्टियों के टिकट पर पुणे मनपा के चुनाव में किस्मत आजमाई मगर चुनाव मे नाकाम रहे .1980 के दौर में मुस्लिम बैंक के चेरमन के पद पर रहते हुए मुस्लिम बैंक की गोल्डन जुबिली साल को यादगार बनाने के लिए मुस्लिम बैंक गोल्डन एजुकेशन ट्रस्ट की बुनियाद रखी जिस से आज तक हजारों स्टूडेंट्स रोजी रोटी से जुड़े.
अब्दुलकरीम का सब से बड़ा कारनामा अपने दोस्तों के जरिए 1991मे तंजीम वालेदैन उर्दू मदारिस, जिला पूना का कयाम है.इस तंजीम के तहत उर्दू मीडियम के पूना जिले में चार हाई स्कूल जिन मौलाना शिबली नोमानी प्रायमरी और हाई स्कूल कोंढवा,जिस में 650 से ज्यादा बच्चे तालीम हासिल कर रहे है, इसी तरह इस्हाक शरफुददीन प्रायमरी और हाई स्कूल के अलावा सतारा के वाई और लाफाटा में तंजीम के नाम पर हाई स्कूल कामयाबी से जारी है.इस के अलावा 27 प्रायमरी स्कूल और 4 उर्दू बालवाडी का जाल बिछा दिया है. अब्दुल करीम अत्तार नै लोनावला में हज़रत कासिम शाहवली रहमतुल्लाही अलैह दरगाह, मस्जि,कब्रस्तान की जमीन पर यतीमखाना भी तंजीम वालीदैन ने कायम किया था. जिसे पिछले चार साल पहले मुस्लिम सुन्नी बोर्ड के हवाले किया गया।
अब्दुलकरीम अत्तार के इंतकाल पर तंजीम वालेदैन के मुआविन सदर इम्तियाज महबूब शेख ने इसे उर्दू मीडियम तालीम का नुकसाने अजीम करार दिया और इसे एसा खला करार दिया जिसे भरना ना मुमकिन है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना निजामुद्दीन फखरुद्दीन ने कहा मरहुम ने महाराष्ट्र के शहर शहर, कस्बे, देहात में उर्दू के कई एक चराग रौशन कर के मिल्लत के मुस्तिकाबिल को तावनाक बनाने में अपनी जान खपा दी.
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