किरीट सोमय्या के विवादित बयान के विरोध में जनहित संगठन का राष्ट्रपति को निवेदन
अब्दुल कय्यूम 
औरंगाबाद : पूर्व सांसद किरीट सोमय्या ने भारतीय मुस्लिम नागरिकों को “बांग्लादेशी” कहकर झूठा, भ्रामक और नफरत फैलाने वाला बयान दिया है। इसके विरोध में जनहित संगठन की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को निवेदन प्रस्तुत किया गया। यह निवेदन विभागीय आयुक्त कार्यालय के माध्यम से भेजा गया।
जनहित संगठन द्वारा दिए गए निवेदन में कहा गया है कि किरीट सोमय्या ने औरंगाबाद में जिलाधिकारी कार्यालय में सार्वजनिक रूप से बिना किसी प्रमाण के भारतीय मुस्लिम नागरिकों को “बांग्लादेशी घुसपैठिया” कहा। इस बयान से समाज में तनाव पैदा हुआ है और मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं।
संगठन के राज्य प्रवक्ता सैय्यद लायकोद्दीन ने संविधान में दिए गए समान अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी समाज पर झूठे आरोप लगाना और समाज में अविश्वास फैलाना गंभीर अपराध है। यदि सोमय्या के पास वास्तव में सबूत हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करना चाहिए, अन्यथा उन्हें भारतीय मुसलमानों से माफी माँगनी चाहिए।
संगठन ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धारा 153, धारा 295, धारा 505(2) तथा धारा 499 और 500 के अंतर्गत सोमय्या के खिलाफ मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई की माँग की है।
निवेदन के माध्यमसे जनहित संघटने तीन प्रमुख मागे रखी
1. किरीट सोमय्या के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
2. कानून के अनुसार कठोर सजा दी जाए।
3. भविष्य में कोई भी नागरिक धर्म/जाति के आधार पर भ्रामक बयान न दे सके, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएँ।
इस अवसर पर जनहित संगठन के संस्थापक अध्यक्ष मोहम्मद जाकीर, महाराष्ट्र राज्य प्रवक्ता सैय्यद लायकोद्दीन, योगेश थोरात, अमजद पठान, शेख इमरान, शेख अकील, ताबीश कादरी, जावेद पठान, नीता भालेराव, नदिम सौदागर, यूनुस पटेल, अतीक पटेल समेत संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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